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Showing posts from November 9, 2025

आनंद ✍️

 आनंद  पैसे खर्च करी!भोग वस्तु घेई! मनाला हो करी! आनंदात!! सुखा साठी असे! सारी धडपड! करी वळवळ! नियमित!! क्षणिक मिळवी! आयुष्य घडवी! दुःखाला पळवी!आयुष्यात!! बाह्य सुख भोगी! वाटतं निरोगी! असे सहयोगी! मजेतच!! अल्प काळ टिके! इच्छा अपूर्णच! दिसे वरूनच!! आयुष्यात!! अंतरंगी असे! ईश्वरात दिसें! स्वतःला भासे! समाधान!! प्रदीप जीवाला! सांगतो नेहमी! जगण्याची हमी! शरीरात!! प्रदीप मनोहर पाटील  गणपूर जिल्हा. जळगाव  मो. 9922239055

कन्या ✍️

 कन्या   सोनं पावलांनी! येई पोटी मातें! जोडी सारी नाते! कन्यारत्न!! बहीण भावाची! मुलगी आईची! लेक ती बापाची! उद्धारते !! असते गुणाची! येतेय सणाची! पाहुणी घरची! माहेरात!! दुःख जाणे सारं! उचलतं भार! करतं संसार! दोनघरी!! लक्ष्मी सरस्वती! कन्या हिच माती! उगवते नीती! संस्कारात!! भाग्य उजळत! येते तीच दारी! बने कारभारी! गृहलक्ष्मी!! वर्णन करतो! प्रदीप कन्येचं! लिहतं मनाचं! अभंगात!! प्रदीप मनोहर पाटील गणपूर जळगाव मो. 9922239055

मृत्यू अभंग ✍️क्र 2

 मृत्यू  जन्मलो तेव्हाच! ठरलं येणार! सुष्मात जाणार! देह सारा!! शरीर घेऊन! आलो पृथ्वीवर! जगु येथ वर! जीवनात!! शरीरात आत्मा! असतो तोवर! जीवन वावर! जन्मभर!! जन्म मृत्यू चक्र! बालपण वृद्ध! तारुंण्यात जिद्ध! उडण्याची!! थकते शरीर!नकोचच वैर! जीव सैरभैर! जगतांना!! मिळालं आयुष्य! घडवू भविष्य! पिकवत हास्य! मानवात!! अंताची शिदोरी! ठेवतं शेवटी! शरीराची पेटी! खांद्यावर!! लोकं म्हणतील! प्रदीप तो एक! जगलाय नेक! शेवटही!! प्रदीप मनोहर पाटील गणपूर जिल्हा जळगाव मो. 9922239055

मृत्यू ✍️ क्र. 1

 मृत्यू आत्मा गेला देवाघरी  सोडुन शरीर दारीं  गोळा चार खांदेकरी  मुलगा मडकं धरी. उचलला देह आता  कुठं पण नं ठेवता  विश्रांती साठी थांबता   जीव दगडास देता. शरीर जाळण्या घेता विसर्जन गंगा करी पूजा दगडाची होई जीवनं पाण्यात जाई. आला जिथून तिथंच किट विघटन कार चक्र भ्रमण सारंच पृथ्वी माता अधिकार. प्रदीप मनोहर पाटील  गणपूर जिल्हा. जळगाव  मो. 9922239055

जन्म मृत्यू ✍️

 जन्म मृत्यू  फेरा हा पंचतत्वाचा जन्माला घालणं काम  खेळ सारा भ्रम्हांडाचा    कक्षेतील पेटी धाम. सूर्य चंद्र ग्रह तारे   घडवीत जीव न्यारे प्रभाव त्यांचाच असे  सृष्टी चक्र फिरे सारे. प्रदीप पाटील  गणपूर. जळगाव  Mo. 9922239055