सत्य असत्य

 || सत्य असत्य ||

जसं ज्याचं कर्म 
तस त्यास फळ 
लोकं विसरली ओळ 
सत्य असतं निर्मळ…

सोसत राहते कळ 
जातो थोडा काळ 
कसं काही वेळ 
रक्त वाहत भळभळ…
 
लचके तोडते असत्य 
मजा मारते घाण 
सत्य भुक मरते 
वाईट खाते छान…
 
विजयी होतं सत्य 
मरत असतं असत्य 
वेळ मग बदलते 
 किंमत सत्याची कळते…
 
सुखात सत्यच राहते 
मान सन्मान जगी वास 
शेवटी जातो घास 
असत्यासच लागतो फास…

  

प्रदीप मनोहर पाटील 
गणपूर ता. चोपडा 
जिल्हा. जळगाव 

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