यौवन अभंग रचना क्र.1
!! यौवन अभंग !!
सोळावं वरीस! यौवन सुवास!
कर्तव्य आभास! याचं वेळी!!
सुप्त गुण सुरु! अलगद येई!
पदार्पण होई! तरुणाई!!
सारीच हो घाई! आयकत नाही!
शरीर कमाई! देह यष्टी!!
कुटुंब विचार! मनात येतात!
जवळ घेतात! बंधनात!!
कळी फुले फुल! सुगधं पसरे!
भान ती विसरे! यौवनात!!
मध चाखी भुंगा! सांभाळ स्वतःचा !
रस्ता तो घरचा! धरायचा!!
व्यसन भुर्रड! घालते मुरड!
ओकत गरड! जवानीत!!
साथ योग्य निवड ! गुण शिकवण!
करी वणवण! मायबाप!!
यौवन सांगतो! प्रदिप सर्वांना!
कळला जणांना! भाव सारा!!®️©️
प्रदिप पाटील
गणपूर.जळगाव
मो. 9922239055

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